सुनने में भले ही यह अजीबोगरीब लगे, लेकिन सच बात यह है कि ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में पिछले साल जबरदस्ती विवाह कराने के लिए 209 पुरुषों का अपहरण किया गया। इसमें तीन पुरुष ऐसे भी हैं जिनकी उम्र 50 वर्ष से अधिक थी, जबकि दो की उम्र दस साल से भी कम थी।
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो द्वारा जारी भारत में अपराध 2007 रिपोर्ट के अनुसार मजे की बात है कि बिहार एकमात्र ऐसा राज्य है जहां महिलाओं की तुलना में पुरुषों का अधिक अपहरण होता है। इस रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 1268 पुरुषों का अपहरण किया गया था जबकि महिलाओं की संख्या इस आंकड़े से छह कम थी।
अपहरण के 27561 मामलों में से 12856 मामले विवाह से संबंधित थे। महिलाओं के अपहरण के पीछे सबसे बड़ा कारण विवाह है। महिलाओं के कुल 20690 मामलों में से 12655 मामले [61.2 प्रतिशत] के पीछे विवाह ही एकमात्र कारण था, जबकि पुरुषों के अपहरण के कुल 7342 मामलों में 596 [8.1 प्रतिशत] में फिरौती मुख्य कारण था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अपहृत युवतियों की सर्वाधिक संख्या 18 से 30 वर्ष की उम्र के बीच है। इस आयु वर्ग की 7930 महिलाओं का अपहरण हुआ। जबकि 15 से 18 वर्ष के बीच अपहृत महिलाओं की संख्या 264 थी।
उधर, अपहृत हुए 417 में से 18 से 30 वर्ष की आयु वर्ग के पांच पुरुष ऐसे थे, जिन्हें वेश्यावृत्ति के लिए अपहृत किया गया था। जबकि इसी उद्देश्य के लिए अपहृत की गई इस आयु वर्ग की महिलाओं की संख्या 264 थी।
पिछले साल कुल 28030 लोगों का अपहरण किया गया। इससे पिछले वर्ष की तुलना में अपहरण के मामलों में 15.4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। रिपोर्ट के अनुसार पुरुषों [7340] के मुकाबले दोगुनी संख्या में महिलाओं [20690] के अपहरण के मामले दर्ज किए गए।
रिपोर्ट के अनुसार ऐसा एक भी मामला नहीं है जहां शरीर या शरीर के अंगों को बेचने के लिए अपहरण का मामला दर्ज किया गया हो, जबकि भीख मांगने के लिए मजबूर करने वाले लोगों द्वारा अपहरण के 15 मामले दर्ज किए गए।
अपहरण के सबसे ज्यादा मामले [4478] उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए जो कुल संख्या का 16.2 प्रतिशत है। इसके बाद बिहार [2530] का स्थान है।
शुक्रवार, 5 दिसंबर 2008
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें